वीथी

हमारी भावनाएँ शब्दों में ढल कविता का रूप ले लेती हैं।अपनी कविताओं के माध्यम से मैंने अपनी भावनाओं, अपने अहसासों और अपनी विचार-धारा को अभिव्यक्ति दी है| वीथी में आपका स्वागत है |

Friday 1 July 2011

हिंदुस्तान

     
                                                                  हिंदुस्तान 

हिंदुस्तान ........................

हिंदुस्तान प्यारा हिंदुस्तान
सबसे निराली इसकी शान
सब देशों में देश महान
हिंदुस्तान प्यारा हिंदुस्तान

गौरवशाली इसकी गाथा
निशि-दिन मेरा मन गाता
अडिग हिमाला चूमे इसका माथा
सागर इसके चरण है धोता
तिरंगा बना है इसकी शान

हिंदुस्तान प्यारा हिंदुस्तान ......

वीर सुभाष की सुन टंकार
मची अंग्रेजों में प्रलय अपार
करो या मरो का गूंजा गान
चारों तरफ़ थी यही पुकार
विदेशी शासन का मिटा निशाँ


हिन्दुस्तान ....................


हम इसकी हैं प्रखर संतान
देंगे इसको नए आयाम
देके नव उत्कर्ष,उत्थान
बढ़ायेंगे हम इसका मान
शपथ लेती इसकी संतान


हिन्दुस्तान प्यारा हिंदुस्तान
सबसे निराली इसकी शान
मेरा
प्यारा हिंदुस्तान
हिंदुस्तान
प्यारा हिंदुस्तान

-सुशीला श्योराण



2 comments:

  1. VERY NOSTALGIC SUSHILA,MISS THOSE SCHOOL DAYS!

    JAISHREE RAJAGOPAL.

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  2. I miss you all Jaishree ma'am ! NPS and you all are very close to my heart!!

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